दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से फेसबुक और व्हाट्सऐप की उन अपील पर जवाब मांगा जिसमें मैसेजिंग ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी (New Privacy Policy) की जांच का आदेश देने के खिलाफ उनकी याचिकाओं को खारिज करने के सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस डी एन
दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से फेसबुक और व्हाट्सऐप की उन अपील पर जवाब मांगा जिसमें मैसेजिंग ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी (New Privacy Policy) की जांच का आदेश देने के खिलाफ उनकी याचिकाओं को खारिज करने के सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती दी गई है।
चीफ जस्टिस डी एन पटेल और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने जांच का आदेश देने वाले CCI को नोटिस जारी किया और उससे 21 मई को अगली सुनवाई तक जवाब मांगा। सिंगल पीठ ने 22 अप्रैल को अपने आदेश में कहा था कि हालांकि सीसीआई के लिए व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं पर आने वाले फैसलों की प्रतीक्षा करना विवेकपूर्ण होगा लेकिन ऐसा नहीं करने से नियामक का आदेश त्रृटिपूर्ण या अधिकार क्षेत्र को कम करने वाला नहीं होगा।
अदालत ने कहा कि उसे फेसबुक और व्हाट्सऐप की याचिका में ऐसा कोई गुण नहीं दिखाई देता जिसके आधार पर सीसीआई के जांच के निर्देश में हस्तक्षेप किया जाए। सीसीआई ने एकल पीठ के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह कथित रूप से व्यक्ति की निजता के हनन की जांच नहीं कर रहा है जिस मामले को सुप्रीम कोर्ट देख रहा है।
सीसीआई ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि व्हाट्सऐप की नई पॉलिसी से भारी मात्रा में यूजर्स की सूचना एकत्र की जाएगी और अधिक यूजर्स को जोड़ने के उद्देश्य से लक्षित विज्ञापन के लिए उनकी चुपके से निगरानी की जाएगी और इस तरह से यह प्रभावशाली स्थिति का कथित रूप से दुरुपयोग होगा।
नियामक ने कहा कि न्यायाधिकार क्षेत्र के सवाल पर कोई त्रृटि नहीं हुई है। सीसीआई ने व्हाट्सऐप और फेसबुक की याचिका का भी विरोध किया जिसमें उन्होंने फैसले को अक्षम और गलत बताया था। आपको बता दें कि व्हाट्सऐप और फेसबुक ने सीसीआई के 24 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें नई प्राइवेसी पॉलिसी की जांच का निर्देश दिया गया था।
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