जम्मू-कश्मीर के रोशनी घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को फिलहाल राहत देते हुए प्रशासन को निर्देश दिया है कि जमीन कब्जा खाली कराने की कार्रवाई न की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले हाईकोर्ट पुनर्विचार याचिकाओं पर अपना फैसला दे, उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाय. जम्मू- कश्मीर प्रशासन ने भी सुप्रीम कोर्ट को भरोसा
जम्मू-कश्मीर के रोशनी घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को फिलहाल राहत देते हुए प्रशासन को निर्देश दिया है कि जमीन कब्जा खाली कराने की कार्रवाई न की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले हाईकोर्ट पुनर्विचार याचिकाओं पर अपना फैसला दे, उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाय. जम्मू- कश्मीर प्रशासन ने भी सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि जबतक जम्मू- कश्मीर हाईकोर्ट मामले का फैसला नहीं करता, तबतक जो याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई कब्जा खाली कराने की कार्यवाही नहीं होगी.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने तक कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर जनवरी के आखिरी हफ्ते में सुनवाई करेगा. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से सोमवार तक समय मांगा और कहा राज्य सरकार से बातकर सोमवार को पूरी स्थिति बताएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल हैं, पहले उनपर सुनवाई होनी है. हाईकोर्ट में प्रशासन ने ही पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या हाईकोर्ट मे जब मामला लंबित है तो सुप्रीम कोर्ट को सुनना चाहिए? कोर्ट ने टिप्पणी की कि समानांतर सुनवाई का कोई मतलब नहीं है. दरअसल, रोशनी योजना के तहत जमीन पाने वाले कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट के फैसले पर.रोक लगाने की मांग की थी.
मामले में याचिकाकर्ताओं की दलील है कि हमारा पक्ष सुने बिना ही हाईकोर्ट ने आदेश पारित कर दिया. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमें एक सप्ताह का समय दिया जाए, हम इसका जवाब देंगे. राज्य सरकार उनलोगों के खिलाफ नहीं जा सकती जिनको नियम के तहत जमीन आवंटित की गई है.
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